समास किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद व उदाहरण – Samas Kise Kahate Hain

स्वागत है दोस्तों आज की नई पोस्ट समास (Samas Kise Kahate Hain) में आज इस पोस्ट के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे की समास किसे कहते हैं? (Samas Kise Kahate Hain) समास के कितने भेद होते हैं? तथा साथी में समास के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण के माध्यम से इस संपूर्ण पोस्ट को पढ़ेंगे।

समास हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है हर परीक्षा में समास से सवाल पूछे जाते हैं आज हम महत्वपूर्ण टॉपिक समास की बात करने वाले हैं। तो देरी न करते हुए जानते हैं कि (Samas Kise Kahate Hain) समास किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद व उदाहरण के साथ

samas kise kahate hain

 

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Table of Contents

समास की परिभाषा | Samas ki Paribhasha

दो अथवा दो से अधिक शब्दों के योग से जब एक नया शब्द बन जाता है तब उसे सामासिक शब्द और उन शब्दों के योग को समास कहते हैं।

जैसे: “कार्यकुशल” शब्द “कार्य” और “कुशल” दो शब्दों के योग से बना है। इसका अर्थ है कार्य में कुशल इन दोनों शब्दों को जोड़ने वाला ‘में‘ शब्द है। इन का समास होने पर उसका लोप हो गया।

जब दो शब्दों के बीच विभक्त का लोप कर जो छोटा रूप बनता है उसे समास कहते हैं।
{दो पदों के मध्य प्रयुक्त विभक्ति योजक या अव्यय पदों को हटाकर उन्हें पास – पास लिख देना। समास कहलाता है।}

समास विग्रह | Samas Vigrah

समस्त पद में लुप्त विभक्ति योजक चिन्ह अव्यय पदों को पुनः लिख देना समास विग्रह कहलाता है।
जैसे – विद्यालय – विद्या के लिए आलय

समास से संबंधित कुछ मुख्य नियम

1. समास में कम से कम 2 शब्दों या पदों का योग होता है।
2. ऐस मेल वाले दो अथवा अधिक पद मिलकर एक हो जाते हैं।
3. मिलने वाले पदों के विभक्त प्रत्यय का लोप हो जाता है।
4. संस्कृत तत्सम के होने पर संधि की स्थिति आने पर उनमें संधि भी हो सकती है।

संधि और समास में अंतर

संधि और समास में कुछ मुख्य निम्नलिखित अंतर पाए जाते हैं जो इस प्रकार से हैं।
1. संधि में दो वर्णों का योग होता है, किंतु समास में 2 पदों का योग होता है।
2. संधि में दो वर्णों के मेल और विकार की संभावना रहती है दूसरी ओर समास में पदों के प्रत्यय का योग हो जाता है।

समास का अर्थ क्या होता है | Samas meaning in Hindi

समास का अर्थ – संक्षिप्त कर देना या छोटा रूप
समास का शाब्दिक अर्थ – सम+आस
सम का अर्थ है – पास, तथा आस का अर्थ है – बैठना।

समास के कितने भेद होते हैं व प्रकार – Samas Ke Kitne Bhed Hote Hain

समास के भेद – समास के मुख्य (6) छ भेद होते हैं तथा समास के 15 उपभेद भी होते हैं जो मुख्यतः इस प्रकार से हैं।
1. अव्ययीभाव समास ।
2. कर्मधारय समास
3. तत्पुरुष समास
4. द्वंद समास।
5. बहुव्रीहि समास।
6. द्विगु समास

नोट – पदों की प्रधानता के आधार पर समास के भेद –
पदों की प्रधानता के आधार पर समास के निम्नलिखित चार भेद होते हैं।

1. प्रथम पद प्रधान समास {अव्ययीभाव समास}
2. दूसरा पद प्रधान समास {तत्पुरुष समास}
3. उभयपद प्रधान समास {द्वन्द समास}
4. उभयपद अप्रधान समास {बहुव्रीहि समास}

अव्ययीभाव समास | Avyayibhav samas

जिस समास का पहला पद प्रधान होता है। अर्थात जिस समस्त पद में प्रथम पद अव्यय, उपसर्ग व प्रधान हो तथा बाद वाला पद संज्ञा हो अव्ययीभाव समास होता है।
प्रथम पद – अव्यय, उपसर्ग
अव्यय – जो शब्द काल, लिंग, वचन तथा कारक के अनुसार परिवर्तन नहीं होते हैं उसे अव्यय कहते हैं।

अव्ययीभाव समास के उदाहरण – Avyayibhav Samas Ke Udaharan

समाससमास विग्रह
यथाक्रमक्रम के अनुसार
यथाशीघ्रजितना शीघ्र हो
प्रतिदिनदिन दिन या प्रत्येक दिन
प्रतिक्षणप्रत्येक क्षण
यथा विधिविधि के अनुसार
प्रत्युपकारबदले के उपकार
प्रत्येकहर एक दिन
सपरिवारपरिवार के साथ
समाससमास विग्रह
प्रतिपलप्रत्येक पल
यथावसरअवसर के अनुसार
प्रतिक्षणहर क्षण
यथाशक्तिशक्ति के अनुसार
यथास्थानजो स्थान निश्चित है
यथामतिजैसी मति है
यथार्थजैसा अर्थ है वैसा
प्रतिहिंसाहिंसा के बदले हिंसा
नोट – जिस समास का पहला पद “यथा” और “प्रति” से शुरू होता है। उसे सदैव अव्ययीभाव समास कहते हैं।
एक शब्द दो बार आए और वह शब्द अव्यय की तरह कार्य करें अव्ययी भाव समास कहते हैं।

अव्ययपद पूर्व अव्ययीभाव समास के उदाहरण

समास समास विग्रह
साफ-साफसाफ के बाद साफ
घर-घरप्रत्येक घर
हाथों-हाथएक हाथ से दूसरे हाथ तक
बीचो-बीचठीक बीच में
कानो-कानकान ही कान में
सुना-सुनीसुनने के बाद सुनना

नाम पद पूर्व अव्ययीभाव समास

जिस शब्द के पहले उपसर्ग लगा रहता है उसमें अव्ययीभाव समास होता है और वह शब्द अव्यय की तरह कार्य करता है।

नाम पद पूर्व अव्ययीभाव समास के उदाहरण

समास समास विग्रह
पेट-भरपेट भर कर
आमरणमरने तक
लाजवाबबिना जवाब के
निरोगरोग रहित
नासमझबिना समझ के
बेईमान बिना ईमान के
निधड़कबिना धड़क के

द्वंद्व समास | Dwand samas Kise Kahate Hain

अभय पद {दोनों पद} प्रधान जिस समस्त पद में दोनों पद प्रधान हो तथा एक दूसरे के विलोम या विलोम जैसे हो वहां द्वंद्व समास होता है।

• द्वंद्व समास शब्द का अर्थ है। – जोड़ा
•  जिस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं उसे द्वंद्व समास कहते हैं इस समास का विग्रह करने पर “{और, या}” का प्रयोग होता है।

नोट 1 से लेकर 9 तक एवं सभी पूर्ण संख्याओं को छोड़कर अपूर्ण संख्याओं में द्वंद्व समास होता है।
जैसे
पैंतालीस – चालीस और पांच
तिरानवें – नब्बे और तीन
पच्चीस – बीस और पांच
छियासी – अस्सी और छह

द्वंद्व समास के उदाहरण | Dwand Samas Ke Udaharan

समास समास विग्रह
माता-पितामाता और पिता
धर्मा-धर्मधर्म और अधर्म
दाल-रोटीदाल और रोटी
अन्न-जलअन्न और जल
शीतोष्णशीत या उष्ण
भला-बुराभला और बुरा
लाभ-हानिलाभ और हानि
स्त्री-पुरुषस्त्री और पुरुष
समास समास विग्रह
गौरी-शंकरगौरी और शंकर
कपड़े-लत्तेकपड़े और लत्ते
सीता-रामसीता और राम
खरा-खोटा खरा और खोटा
फल-फूलफल और फूल
रुपया-पैसारुपया और पैसा
शुभा-शुभशुभ और अशुभ

नोट– यदि पदों की संख्या 3 हो तो समास विग्रह किस प्रकार करेंगे।

समास समास विग्रह
लाल-पाल-बाललाल,पाल और बाल
रोटी-कपड़ा-मकानरोटी,कपड़ा और मकान
तन-मन-धनतन,मन और धन
हाथी-घोड़ा-पालकीहाथी,घोड़ा और पालकी

नोटवैकल्पिक द्वंद समास – द्वंद्व के इस उपभेद में पद एक दूसरे के विलोमर्थी होते हैं। इसके उदाहरणों का समास विग्रह करते समय पदों के बीच “या / अथवा” लिख देते हैं।

वैकल्पिक द्वंद्व समास के उदाहरण

समास समास विग्रह
सुख-दुःखसुख या दुख
भला-बुराभला या बुरा
पाप-पुण्यपाप या पुण्य
सत्यासत्यसत्य या असत्य
राग-विरागराग या विराग
आज-कलआज या कल
सुख-दुखसुख या दुख

संख्यावाचक वैकल्पिक द्वंद्व समास

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण भी कभी-कभी संज्ञा के समान प्रयुक्त होते हैं तब भी वैकल्पिक द्वंद्व माना जाता है।

समास समास विग्रह
दो – चारदो से चार तक
दस – बीसदस से बीस तक
सौ – दो सौसौ से दो सौ तक
लाख – दो लाखलाख से दो लाख तक

द्विगु समास | Dvigu Samas Kise Kahate Hain

जिस समाज का पहला पद संख्यावाचक हो और वह संपूर्ण समुदाय या समूह का बोध करता हो उसे द्विगु समास कहते हैं। इस समास का विग्रह करने पर समूह या समाहार का प्रयोग करते हैं।

द्विगु समास के उदाहरण Dvigu Samas Ke Udaharan

समास समास विग्रह
नवरात्रनौं यात्रियों का समाहार
सप्ताहसात दिनों का समाहार
सप्तऋषि सात ऋषियों का समूह
शताब्दीसौ वर्षों का समूह
शतकसौ का समाहार
पंचवटीपांच वटों का समाहार
चौमासाचार मासों का समाहार
समास समास विग्रह
अठन्नीआठ आनो का समूह
त्रिवेणीतीन वेणियों का समाहार
दुपहियादो पहियों वाला
त्रिमूर्तितीन मूर्तियों का समूह
तिकोनातीन कोनों वाला
चौराहाचार राहों का समूह
दोपहरदो पहरों का समूह

नोट- तिरंगा तथा चतुर्भुज में द्विगु और बहुव्रीहि दोनों समास है।

कर्मधारय समास | Karmadharaya samas Kise Kahate Hain

जिस समास का एक पद  {प्रथम पद} विशेषण हो दूसरा पद विशेष्य (संज्ञा) हो उसे कर्मधारय समास कहते हैं। इस समास का विग्रह करने पर ‘है जो’ का प्रयोग करते हैं।

कर्मधारय समास के उदाहरण | Karmadharaya Samas Ke Udaharan

समास समास विग्रह
महात्मामहान है जो आत्मा
महाऋषिमहान है जो ऋषि
मंदबुद्धिमंद है जो बुद्धि
पितांबरपीत है जो अंबर
निलोत्पलनीला है जो उत्पल
नीलगायनीली है जो गाय
महाराजामहान है जो राजा
समास समास विग्रह
महादेवीमहान है जो देवी
महाभोजमहान है जो भोज
श्वेतांबरश्वेत है जो अंबर
महाकाव्यमहान है जो काव्य
प्रियजनप्रिय है जो जन
सूपुरुषअच्छा है जो पुरुष
कालीमिर्चकाली है जो मिर्च
उच्चशिखरऊंचा है जो शिखर

जहां उपमेय तथा उपमान में संबंध होता है उसमें कर्मधारय समास होता है। इसका विग्रह करने पर ‘रूपी’ का प्रयोग होता है।

समास समास विग्रह
मुख-चंद्रमुख रूपी चंद्रमा
भवसागरभव रूपी सागर
चरण कमलचरण रूपी कमल
देहलतालता रुपी देह
कीर्तिकलालता रूपी की कीर्ति
करकमलकमल रूपी कर

नोट– जब प्रथम पद उपमान हो तथा उत्तर (बाद वाला पद) उपमेय हो तो इसका विग्रह करने पर “के समान” का प्रयोग करेंगे।

समास समास विग्रह
चंद्र-बदनचंद के समान वदन
कमलनयनकमल के समान नयन
लौहपुरुषलोहे के समान पुरुष
अरविंदलोचनअरविंद के समान लोचन
विद्याधन विद्या रूपी धन
मीनाक्षीमछली के समान आंखों वाली
कनकलताकनक के समान लता

बहुव्रीहि समास | Bahuvri Samas Kise Kahate Hain

जिस समास का न तो प्रथम पद प्रधान होता है और न ही द्वितीय पद प्रधान होता है कोई अन्य अर्थ निकलता है। उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। इस समास का विग्रह करने पर वाला ‘है जो’ जिसका, जिसकी, जिसके वह आदि शब्दों का प्रयोग करते हैं।

बहुव्रीहि समास के उदाहरण | Bahuvri Samas Ke Udaharan

समास समास विग्रह
त्रिनेत्रतीन है नेत्र जिसके (शिव)
मुरारिमुर का अरि है जो वह (कृष्णा)
गिरिधरगिरी को धारण करने वाला (कृष्णा)
दशाननदस है आनन जिसके (रावण)
गजाननगज का आनन है जिसका (गणेश)
घनश्यामघन जैसा श्याम है जो वह (कृष्णा)
पितांबरपीत अम्बर है जिसके वह (विष्णु)
पंजाबपांच आबों वाला क्षेत्र (एक राज्य)
समाससमास विग्रह
बारहसिंघाबारह है सींग जिसके (हिरण की प्रजाति)
अंशुमालीअंशुओं के माला पहनता है जो (सूर्य)
प्रधानमंत्रीमंत्रियों में प्रधान है जो (शासनाध्यक्ष)
युधिष्ठिरयुद्ध में स्थित रहता है जो (धर्मराज)
धनंजय धन को जय करता है जो (अर्जुन)
सुग्रीवसुंदर है ग्रीवा जिसकी मानव राज
मुरारीमूर का है जो अरि (श्री कृष्ण)
पंचाननपांच है आनंद जिसके (शिव)
लंबोदरलंबा है उदर जिसका (गणेश)

नोट– घनश्याम और पिताम्बर कर्मधारय तथा बहुव्रीहि समास होता है।

तत्पुरुष समास | Tatpurush Samas Kise Kahate Hain

जिस समस्त पद में उत्तर पद प्रधान हो तथा दोनों पदों के मध्य कारक विभक्त का लोप रहे वहां तत्पुरुष समास होता है। 

पदों की प्रधानता के आधार पर यह द्वितीय पद प्रधान समास होता है क्योंकि तत्पुरुष समास की विभक्ति का लिंग, वचन द्वितीय शब्द के कारण परिवर्तन होता है।
जैसे- जेबकतरा :- जेब को कतरने वाला।

तत्पुरुष समास के कितने प्रकार होते हैं | Tatpurush Samas Kitne Prakar Ke Hote Hain

तत्पुरुष समास के निम्नलिखित 6 प्रकार होते हैं।

  तत्पुरुष समास                       विभक्ति

1. कर्म तत्पुरुष समास।               को
2. करण तत्पुरुष समास।             से, के द्वारा
3. संप्रदान तत्पुरुष समास            से, के लिए
4. अपादान तत्पुरुष समास           से, अलग होना
5. संबंध तत्पुरुष समास               का, के, की
6. अधिकरण तत्पुरुष समास         में, पर, पे

कर्म तत्पुरुष समास |Karam Tatpurush Samas Kise Kahate Hain

इस समास में दोनों पदों के बीच  ‘को’ विभक्ति का लोप रहता है।

कर्म तत्पुरुष समास उदाहरण

समाससमास विग्रह
वनगमनवन को गमन करने वाला
चिडिमारचिड़ी को मारने वाला
कमरतोड़कमर को तोड़ने वाला
दिलतोड़दिल को तोड़ने वाला
प्राप्तोदकउदक को प्राप्त
आग्निभक्षीअग्नि को भक्षित करने वाला
मनोहरमन को हरने वाला
समाससमास विग्रह
चितचोरचित को चुराने वाला
स्वर्गप्राप्तस्वर्ग को प्राप्त करने वाला
विदेशगमनविदेश को गमन
नरभक्षीनरो को भक्षित करने वाला
यशप्राप्तयश को प्राप्त
ग्रहागतघर को आया हुआ
कृष्णाश्रित कृष्ण को आश्रित

करण तत्पुरुष समास | Karan Tatpurush Samas Kise Kahate Hain

इस समास में दोनों पदों के बीच (से) या (के द्वारा) विभक्ति का लोप रहता है तो तत्पुरुष समास होगा।

करण तत्पुरुष समास के उदाहरण

समास समास विग्रह
तुलसीकृततुलसी के द्वारा रचित
हस्तलिखितहाथ के द्वारा लिखित
रत्नजड़ितरत्नों से जुड़ित
मेघाच्छन्न मेघा से आछन्न (घिरा हुआ)
गुणयुक्तगुणों से युक्त
रेलयात्रारेल के द्वारा यात्रा
रेखांकितरेखा से अंकित
समास समास विग्रह
वाघयुद्धवाणी से युद्ध
देवविरचितदेवों के द्वारा विरचित
आंखोंदेखीआंखों के द्वारा देखी हुई
रसभरीरस से भरी हुई
कष्टापन्नकष्टों से पीड़ित
शोकाकुलशोक से अकुल
श्रमसाध्यश्रम से साध्य

संप्रदान तत्पुरुष समास | Sambandh Tatpurush Samas Kise Kahate Hain

इस समास में दोनों पदों के बीच ‘के लिए’ विभक्ति का लोप रहता है।

संप्रदान तत्पुरुष समास उदाहरण

समास समास विग्रह
रसोईघररसोई के लिए घर
हवनसामग्रीहवन के लिए सामग्री
रणभूमि रण के लिए भूमि
गुरु दक्षिणा गुरु के लिए दक्षिणा
सचिवालयसचिवों के लिए आलय
प्रयोगशालाप्रयोग के लिए शाला
सत्याग्रहसत्य के लिए आग्रह
समास समास विग्रह
लोकसभालोक के लिए सभा
सभाभवन सभा के लिए भवन
पुस्तकालयपुस्तक के लिए आलय
आवेदनपत्रआवेदन के लिए पत्र
सभामंडपसभा के लिए मंडप
देशभक्तिदेश के लिए भक्ति
महंगाई भत्ता महंगाई के लिए भत्ता
यज्ञशालायज्ञ के लिए शाला

अपादान तत्पुरुष समास | Apadan Tatpurush Samas Kise Kahate Hain

इस समास में दोनों पदों के बीच ‘से’ (अलग होना) विभक्ति का लोप रहता है।

अपादान तत्पुरुष समास के उदाहरण

समास समास विग्रह
ऋणमुक्तऋण से मुक्त
जातिभ्रष्टजाति से भ्रष्ट
पदभ्रष्टपद से भ्रष्ट
धर्मविमुखधर्म से अलग होना
देश निकालादेश से अलग करना
जन्म रोगीजन्म से रोगी
नेत्रहीननेत्रों से हीन
विवाहेतरविवाह से इतर (भिन्न)
समास समास विग्रह
स्वर्णपतितस्वर्ण से पतित (गिरा हुआ)
रसहीनरस से हीन
मायारिक्तमाया से रिक्त
व्ययमुक्तव्यय से मुक्त
कामचोरकाम से जी चुराने वाला
सेवामुक्तसेवा से मुक्त
पापमुक्त पाप से मुक्त

सम्बंध तत्पुरुष समास | Sambandh Tatpurush Samas Kise Kahate Hain

इस समास में दोनों पदों के बीच “का, के, की” विभक्ति का लोप रहता है।

सम्बंध तत्पुरुष समास के उदाहरण

समास समास विग्रह
रामचरित्रराम का चरित्र
नगरसेठनगर का सेट
आमचूर्णआम का चूर्ण
राजकुमारीराज की कुमारी
आमरसआम का रस
भारतरत्नभारत का रत्न
राजमाताराज की माता
समास समास विग्रह
ऋषिकन्याऋषि की कन्या
वनमालीवन का माली
मंत्रीपरिषदमंत्रियों की परिषद
जगन्नाथजगत का नाथ
कन्यादानकन्या का दान
राज्यसभाराज्य की सभा
नरबलीनर की बलि
सूतपुत्रसूत का पुत्र
सभापतिसभा का पति

नोट – संबंध तत्पुरुष समास की विभक्ति का “लिंग, वचन” द्वितीय शब्द के अनुसार परिवर्तन होता है।

अधिकरण तत्पुरुष समास | Abhikaran Tatpurush Samas Kise Kahate Hain

इस समास में दोनों पदों के बीच “मे, पे” और “पर” विभक्ति का लोप रहता है।

अधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण

समास समास विग्रह
जीवदयाजीवो पर दया
घुड़सवारघोड़े पर सवार
वनवासवन में वास
कविपुंगवकवियों में श्रेष्ठ
प्रेममगनप्रेम में मगन
गृह प्रवेशग्रह में प्रवेश
कार्य कुशलकार्य में कुशल
समास समास विग्रह
जगबीतीजग पर बीती हुई
नराधमनरों में धम
सिरदर्दसिर में दर्द
आपबीतीअपने पर बीती हुई
नरोत्तमनरो में उत्तम
शिलालेखशिला पर लेख
रेलगाड़ीरेल पर चलने वाली गाड़ी
कर्माधीनकर्म के अधिन
नञ् तत्पुरुष समास

इस समास में पूर्वपद संस्कृत का ‘अ’, ‘अन्’ तथा उर्दू का ‘ना’ उपसर्ग होते हैं जो नकारात्मक अर्थ प्रकट करते हैं। – समास

नञ् तत्पुरुष समास के उदाहरण
अनपढ़अनजानअकार्य
नापाकअव्ययनालायक
अधर्मअज्ञानअकाल
अनश्वरअनबनअगोचर
अलुक् तत्पुरुष समास

जिसमें प्रथम पद के साथ संयुक्त कारक चिन्ह किसी ना किसी रूप में विद्यमान रहता है उसे अलुक् तत्पुरुष समास कहते हैं।

अलुक् तत्पुरुष समास के उदाहरण
समास समास विग्रह
धनंजयधन को जय करने वाला
मानसिजमन से जमने वाला
थानेदारथाने का दार
प्रियवंदाप्रिय बोलने वाली
मृत्युंजयमृत्यु को जीतने वाला
लुप्त पद (मध्यम पद लोपी) तत्पुरुष समास

जिस समास में दोनों पदों का सम्बंध बताने वाले पद लुप्त हो उसे लुप्त पद तत्पुरुष समास कहते हैं।

लुप्त पद तत्पुरुष समास के उदाहरण
समास समास विग्रह
दही बड़ा दही में डूबा हुआ बड़ा
बैलगाड़ीबैल से चलने वाली गाड़ी
रसगुल्लारस में डूबा हुआ गुल्ला
वनमानुषवन में रहने वाला मानुष
शिक्षकशिक्षा देने का कार्य करने वाला
उपपद तत्पुरुष समास

जिस समास का उत्तर पद ऐसा कृदंत होता है जो स्वतंत्र नहीं होता और प्रत्येक की तरह प्रयुक्त होकर समस्त पद के निर्माण में सहायक बनता है उसे उपपद तत्पुरुष समास कहते हैं।

उपपद तत्पुरुष समास के उदाहरण
समास समास विग्रह
चर्मकारचमड़े का काम करने वाला
दही बड़ादही में डूबा हुआ बड़ा
स्वर्ग-गामीस्वर्ग गमन करने वाला
तटस्थतट पर स्थित रहने वाला
स्वर्णकारसोने का काम करने वाला

समास के उदाहरण | Samas Ke Udaharan

समास समास विग्रह
यथाक्रमक्रम के अनुसार
यथाशीघ्रजितना शीघ्र हो
प्रतिदिनदिन दिन या प्रत्येक दिन
प्रतिक्षणप्रत्येक क्षण
शिक्षकशिक्षा देने का कार्य करने वाला
यथेच्छाइच्छा के अनुसार
प्रत्यक्षअक्षि के आगे
प्रत्येकहर एक दिन
चर्मकारचमड़े का काम करने वाला
सपरिवारपरिवार के साथ
प्रत्युपकारबदले के उपकार
समास समास विग्रह
प्रतिपलप्रत्येक पल
प्रतिक्षणहर क्षण
घुड़सवारघोड़े पर सवार
बैलगाड़ीबैल से चलने वाली गाड़ी
रसगुल्लारस में डूबा हुआ गुल्ला
वनमानुषवन में रहने वाला मानुष
घर-घरप्रत्येक घर
साफ-साफसाफ के बाद साफ
यथाशक्तिशक्ति के अनुसार
यथामतिजैसी मति है
यथार्थजैसा अर्थ है वैसा
समास समास विग्रह
प्रतिध्वनीध्वनि के बाद ध्वनि
प्रतिशत प्रत्येक सत या सैंकड़ा
मृत्युंजयमृत्यु को जीतने वाला
थानेदारथाने का दार
निरोगरोग रहित
भवसागरभव रूपी सागर
देहलतालता रुपी देह
पंजाबपांच आबों वाला क्षेत्र (एक राज्य)
प्रधानमंत्रीमंत्रियों में प्रधान है जो (शासनाध्यक्ष)
लोकसभालोक के लिए सभा
घरखर्चघर के लिए खर्च

FAQ

समास कितने प्रकार के होते हैं?

समास के मुख्य छ भेद होते हैं तथा समास के 15 उपभेद भी होते हैं।

नीलकंठ में कौन सा समास है?

बहुव्रीहि समास

महादेव में कौन सा समास है?

बहुव्रीहि समास

चतुर्भुज में कौन सा समास है?

द्विगु और बहुव्रीहि दोनों समास है।

रेलगाड़ी में कौन सा समास है?

अधिकरण तत्पुरुष समास

राजधानी में कौन सा समास है?

तत्पुरुष समास

पक्षी में कौन सा समास है?

द्वंद्व समास

ईश्वर में कौन सा समास है?

तत्पुरुष समास

गिनती में कौन सा समास है?

द्विगु समास

प्रधानमंत्री में कौन सा समास है?

कर्मधारय समास

25 में कौन सा समास है?

द्वंद्व समास

दही बड़ा में कौन सा समास है?

तत्पुरुष समास

युधिष्ठिर में कौन सा समास है?

बहुव्रीहि समास

पंचवटी में कौन सा समास है?

द्विगु समास

लाल मिर्च में कौन सा समास है?

द्वंद्व समास

रसगुल्ला में कौन सा समास है?

तत्पुरुष समास

सिरदर्द में कौन सा समास है?

तत्पुरुष समास

तिरंगा में कौन सा समास है?

द्विगु और बहुव्रीहि दोनों समास है।

निष्कर्ष

छात्रों में उम्मीद करता हूं की आपको आज की यह पोस्ट समास किसे कहते हैं? (Samas Kise Kahate Hain)आपको पसंद आई होगी मैं इस पोस्ट में समास के उदाहरण (Samas Ke Udaharan)के माध्यम से समझने की कोशिश की है जिससे आपको आसानी से समझ में आ जाए।

यदि आपको समास कि इस पोस्ट में किसी प्रकार की कोई शिकायत है। या आपको समास से संबंधित कोई सुझाव देना है तो आप हमें कमेंट सेक्शन या फिर ईमेल के माध्यम से सूचित कर सकते हैं मैं इस त्रुटि को जल्द से जल्द सुधारने का प्रयास करूंगा। आपके बहुमूल्य विचारों का इंतजार रहेगा। 

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